कृष्णिका से निकले इस सौर विकिरण को कृष्णिका विकिरण कहा जाता है।
5.
एक लगभग पूर्ण कृष्णिका विकिरण वर्णक्रम ब्रह्मांडीय सूक्ष्म तरंग पृष्ठभूमि विकिरण द्वारा ही प्रदर्शित होता है.
6.
आखिर इस समस्या का हल 1901 में मैक्स प्लैंक द्वारा कृष्णिका विकिरण के प्लैंक नियम द्वारा किया गया.
7.
यदि चारों ओर से बंद खोखले पिंड की दीवारों को समताप पर रखा जाए तो उसके भीतर उत्पन्न विकीर्ण ऊर्जा गुण और मात्रा में पूर्णतया कृष्णिका विकिरण के समान होती है।
8.
प्रकृति में दृढ़ता से कोई वास्तविक कृष्णिका नहीं होते लेकिन ग्रेफाइट एक अच्छा सादृश्य है और स्थिर स्थिति पर ग्रेफाइट दीवारों युक्त एक बंद बॉक्स कृष्णिका के आदर्श विकिरण का एक अच्छा सन्निकटन है. [1][2][3] एक गुहा, जिसमें कोई कृष्णिका नहीं है, वह संतुलन की स्थिति में कृष्णिका विकिरण बरकरार रखने में सक्षम नहीं है, यह तथ्य किर्चाफ द्वारा प्रयोगात्मक रूप से पाया गया है, लेकिन इसका भौतिक महत्व न तो किर्चाफ ने समझा और न ही प्लैंक ने.